अब उम्र हो गई
वो कहते अब उम्र हो गई,शादी कर लो!मैं कहती हूँ…अभी बाकी है। रोज़ सुबह लेक्चरमिस होने के डर से,जल्दी उठना और खाएतो कभी बिन खाए ही,क्लास के लिए निकलना,वो जल्दी उठने का ख़िताब…अभी बाकी...
वो कहते अब उम्र हो गई,शादी कर लो!मैं कहती हूँ…अभी बाकी है। रोज़ सुबह लेक्चरमिस होने के डर से,जल्दी उठना और खाएतो कभी बिन खाए ही,क्लास के लिए निकलना,वो जल्दी उठने का ख़िताब…अभी बाकी...
राजनेता कभी किसी का मित्र नहीं होता,सरकारों के पास भ़ी कोई चरित्र नहीं होता |लाख गंगा में इन्हें नहलाओ ‘मोमिन’इन लम्पटों का दिल पवित्र नहीं होता || मत दुखी हो जीव, देखि जगत व्यवहार...
हम आज का सरकारी सिस्टम को एक सच्ची कहानी के जरिये समझने की कोसिस करते हैं। एक बड़े जिले के डीएम साहब के बैडरूम की खिड़की सड़क की ओर खुलती थी। रोज़ाना हज़ारों आदमी...
गोरक्षक बन कर मारोगोमांस के नाम पर मारोसरकार बन कर मारो,बेरोजगारी से मारो,बेरोजगार की मारो,मंदिर मस्जिद के नाम पर मारोबस आँख मत मारो। नोट बंद कर मारोलाइन में लगा कर मारोकर्ज से किसान मारो,बोल...
स्वार्थ की भीड़ में,खो न तु जाना,हैं व्यप्त तमस वतन में,तु रात न समझना,होंगे उजाले मुल्क में,मिटेगा अंधेरा एक दिन,हालात से न हार जाना,रहना सदा सजग रणभूमि में तु सो न जाना,स्वार्थ की भीड़...
कविता / प्रेरणात्मक / भारतीय संस्कृति / मुद्दे / राजनैतिक / सामाजिक
by Amit Singh
by Amit Singh · Published 24 August 2020
नीलामी हुई है ब्रिटेन में,गांधी के चश्मे की ।चौदह लाख की उम्मीद मेंशुरू हुई नीलामी।पर ढाई करोड़ देकर गांधीके चश्मे को खरीदाअमेरिका के एक कलक्टर ने।सालों बाद गांधी के चश्मे केडुप्लीकेट की नीलामी करनेज़रूर...
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