Monthly Archive: October 2020
पूंजीवाद साम्यवाद नाजी फासीवाद माओवाद का_जन्म ब्रिटेन और बाद में यूरोप में वर्ष 1780 से 1820 के बीच हुए प्रचंड औद्योगिक प्रगति के फलस्वरूप सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक तथा वैचारिक क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए।...
अपना घर अपना होता है।महीने के किराए कीदिक्कत नहीं होती,हर छोटी चीज कीचिंता नहीं होती,कहीं से लौटो तोअलग सा सुकून मिलता है।क्यूंकि अपना घरआखिर अपना होता है। अपना घर अपना होता है।बच्चों को दीवार...
तुम भूल गए पर हमयाद रखेंगे युगों तक,हम पर दमन का दास्तांपहुंच गया हैं अब लोगों तक।इंसान तो क्या हमारे तकलीफ मेंये तपते सड़कें भी रोयी थी,हमारे मासूम बेटे और बेटीयांइन्हीं राहों में चिर...
तू जिंदा हैं,तो जिंदा होने का सबूत दे,सीने में धड़कन हैं,तो धड़कने का सबुत दे।चलता फिरता यंत्र नहींइंसान होने का सबूत दे।लांछित वंचित हैंतो मेरे साथी होने का सबूत दे,हालात से द्रवित हैंतो पिघलते...
हजारों शताब्दियों कीशोषण दमन को,चंद मीठी बातों में भूल जाते हैं,इन्हें मुक्ति से कमजुल्म से मोहब्बत है,क्योंकि भूलना इनकी आदत हैं।कभी जात पर, कभी मजहब पर,इनकी लहू बहता हैं सड़को पर,वाकिफ़ हैं दुश्मन की...
आओ चलते हैं घने जंगलों केआदिवासियों के गाँवों में,जीते हैं पल पलजो संगीनों के छाओं में।काले शरीर पर वस्त्र कमअधिक कष्ट के निशान हैं,सदियों से गुमनामये छोटे छोटे किसान हैं। विकास की हवा कभीचली...