भूखे सोये फिर बच्चे
बस्ती गाँव नगर में हैंघर के दुश्मन घर में हैंजिनसे माँग रहा हूँ घरवो बसते पत्थर में हैंजितने सुख हैं दुनिया केफकत ढाई आखर में हैंढूँढा उनको कहाँ कहाँजो मेरे अन्तर में हैंइक आँसू...
बस्ती गाँव नगर में हैंघर के दुश्मन घर में हैंजिनसे माँग रहा हूँ घरवो बसते पत्थर में हैंजितने सुख हैं दुनिया केफकत ढाई आखर में हैंढूँढा उनको कहाँ कहाँजो मेरे अन्तर में हैंइक आँसू...
चलो समेटें जाते हुए ये साल..कुछ लम्हों ने ऊर्जा दी,आज कुछ ने किया निढाल,कुछ थे बहुत गर्व भरे,हमें कुछ पर हुआ मलाल,कुछ लम्हे उदासी भरे,एक तरफ़ कुछ ने किया धमाल..तो संजो ले..करीने से..बेहतरीन लम्हे..बाक़ी...
सता रहा तुझे ये भय हैं,क्योंकि तेरा मिटना तय हैं।तेरे कदमों कीलड़खड़ाहट कहता यही हैं,तु गलत हम सही हैं।तु मात्र एक परछाई हैपीछे कोई और हैं,कत्ल करवा रहा हैंतुझसे बड़ा नाज़ुक दौर हैं।सत्कर्मों सेइंसान...
बुद्ध किसे कहते हैं?Who is ‘Buddha’ ?‘बुद्ध’ शब्द का अर्थ क्या है?What is the meaning of word ‘Buddha’ ?‘बुद्ध’ नाम बोधि प्राप्ति के बाद सम्बोधि प्राप्त करने वाले व्यक्ति के लिए प्रयोजित किया जाता...
जब तक विदाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं, जी हाँ 5 मई, 1789, राजा साहब ने बैठक शुरू कर दी थी। बगल में गहनों से लदी-फदी रानी बैठी थी। सुनहले कोट में सुशोभित हो...
देश में कहीं भी जब प्याले मेंतूफान नजर आता हैचैनलों की चौपाल में रोजनया मेहमान नजर आता हैगर्मागर्म बहस होती हैइसमें कहीं नहीं अपनाहिन्दोस्तान नजर आता हैसमस्याओं के हल बिनाऊपर से इनका जमीरलहूलुहान नजर...
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