आदमी की बातें

आदमी;
जो आता और चला जाता
आदमी की बातें;
जो कही जाती, वही:
फिर,
मन मे रह जाती
कभी इतिहास बनकर
तो कभी विश्वास बन कर !!

बातों की तो कभी,
कोई जड़ नही होती
यह तो ओर पोर से फुटती है
और जीतने मूह
पर चड़ती है
उतने ही रूप बदलती है!!
मन और विचारो की
अनुकूलता खोजते खोजते
अर्थ जीवन के हम
खोते जा रहे है
आरोपो प्रत्यारोपो का ये बेमेल
सिलसिला जो शुरू हुआ
उससे हम शायद निरंतर
अकेले होते जा रहे हैं !!
आपका शुभ चिंतक~
~अमित सिंह~
अपने आचरण और व्यवहार से हमारा प्रतिनिधित्व करें। सुशिक्षित हों, इस लायक हों कि आत्मशोधन और आत्मनिर्माण के अलावा लोक निर्माण की जिम्मेदारी निभा सकते हों लोकहित के लिए, जिसमें मानव-जाति का हित जुड़ा हुआ है, दोनों काम करता हुआ चला जाएगा। आप Hindi, (हिंदी) में जानना चाहे जिसमे की देश प्रेम और उस पर समर्पित पर बेहतरीन कविताएं, रचनाएँ ( क़लम एक कुदाल ) मिलती है जिन्हे आप Facebook, Whats App पर post व शेयर कर सकते हैं पढ़िए देश प्रेम और उस पर समर्पित पर बेहतरीन रचनाएँ ( क़लम एक कुदाल )
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