आदमी की बातें
आदमी;जो आता और चला जाताआदमी की बातें;जो कही जाती, वही:फिर,मन मे रह जातीकभी इतिहास बनकरतो कभी विश्वास बन कर !! बातों की तो कभी,कोई जड़ नही होतीयह तो ओर पोर से फुटती हैऔर जीतने...
आदमी;जो आता और चला जाताआदमी की बातें;जो कही जाती, वही:फिर,मन मे रह जातीकभी इतिहास बनकरतो कभी विश्वास बन कर !! बातों की तो कभी,कोई जड़ नही होतीयह तो ओर पोर से फुटती हैऔर जीतने...
शिला लेख से “अमित”रहते ये अनूठे रिश्ते,तेजी से बदलतेजिन्दगी के रिश्तों के बीच,बदलती जरूरतोंप्राथमिकताओं के बीच,नहीं बदलते ये आलौकिक रिश्ते,माना खुशी जैसा शब्दमात्र होते ये अजीज़ रिश्ते,ना इन्हे पाने की चाह,ना खोने का डर,फिर...
हाँ जी दुःख जीवन का अंश,जो इंसान के साथ ही चलताराजा हो या रंककिसी को नहीं बकसतादुःख की फिदरत होतीबडी ही जालिमहर को देता दंश,छोड़ता नहीं किसी कोदुःख दिशा भी देता,भटकाता – लड़ाता भीकोई...
More