तुम मेरे शिव बन जाना
तुम मेरे शिव बन जाना,औरमुझको अपना नंदी बनानादेश मे व्याप्तसारा का सारा गरल पी लेना।जो भी सम्मुख उगला है,उसे अपने अंदर ही समेटे रखना। जीना सरल है…प्यार करना सरल है…..हारना और जीतना भी सरल...
तुम मेरे शिव बन जाना,औरमुझको अपना नंदी बनानादेश मे व्याप्तसारा का सारा गरल पी लेना।जो भी सम्मुख उगला है,उसे अपने अंदर ही समेटे रखना। जीना सरल है…प्यार करना सरल है…..हारना और जीतना भी सरल...
बातों से समझाकर देख लिया बहुत,आज क्यूँ न हम चुप होकर देख लें…बीच भंवर में रहता आया हूँ अब तक,चलो आज किनारे के कहर को देख लें..“एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की..मैने पल...
मत सोचो ,विचार संकीर्ण , कुंठित मानसिकता ,आज फिर अभिमन्यु अकेला है !त्रियोदश रात्रि की द्वितीय बेला में ,मेरे प्रभू से मेरा साक्षात्कार हुआ !कहने लगे सो जाओ तुम “नंदी”,मत उलझो इन जंजालों में...
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