हम सिर्फ भाग रहे
जब मैं छोटा था, शायद दुनियाबहुत बड़ी हुआ करती थी..मुझे याद है मेरे घर से“स्कूल” तक का वो रास्ता,क्या क्या नहीं था वहां,चाट के ठेले, जलेबी की दुकान,बर्फ के गोले, सब कुछ,अब वहां “मोबाइल...
जब मैं छोटा था, शायद दुनियाबहुत बड़ी हुआ करती थी..मुझे याद है मेरे घर से“स्कूल” तक का वो रास्ता,क्या क्या नहीं था वहां,चाट के ठेले, जलेबी की दुकान,बर्फ के गोले, सब कुछ,अब वहां “मोबाइल...
जब मैं छोटा था, शायद दुनियाबहुत बड़ी हुआ करती थी..मुझे याद है मेरे घर से “स्कूल” तक कावो रास्ता, क्या क्या नहीं था वहां, चाट के ठेले, जलेबी की दुकान,बर्फ के गोले, सब कुछ,अब...
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