तुम मेरे शिव बन जाना

तुम मेरे शिव बन जाना,
और
मुझको अपना नंदी बनाना
देश मे व्याप्त
सारा का सारा गरल पी लेना।
जो भी सम्मुख उगला है,
उसे अपने अंदर ही समेटे रखना।
जीना सरल है…
प्यार करना सरल है…..
हारना और जीतना भी सरल है……
तो फिर ”कठिन” क्या है…….?
”सरल” होना ही बहुत ”कठिन” है……..!!!
तुम मेरे शिव बन जाना,
कंठ में द्वेष का
हलाहल सम्हाले रखना।
मुझ जैसे को “नंदी” सा
ज्ञान दिलाये रखना ।
तुम जैसे भी है जो भी है,
उगल निर्रथक ना करना।
सारे संसार में व्याप्त संतुलन को
सदा बनाये रखना ।
बस तुम सबके बन जाना!!!
ना शक्ति से …..
ना यूक्ति से …..
भोले मिलते है …
भगती से …
हर हर बम बम बम ……….
– – – लेखक परिचय: लेखक-कंप्यूटर साइन्स – इंजिनियर , सामाजिक-चिंतक हैं । दुर्बलतम की आवाज बनना और उनके लिए आजीवन संघर्षरत रहना ही अमित सिंह शिवभक्त नंदी का परिचय है। आप Hindi (हिंदी) में कुछ जानना या पढ़ना चाहे तो जिसमे की बेहतरीन सामाजिक लेखों का संग्रह पर आपको मिलता है। जिन्हे आप Facebook, WhatsApp पर post व शेयर कर सकते हैं पढ़िए बेहतरीन सामाजिक लेखों का संग्रह ( क़लम एक कुदाल )
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