तुम्हें कहीं इंसाफ मिलेगा

आहों से पत्थर पिघलेगा
इस धोखे में मत रहना,
तुम्हें कहीं इंसाफ मिलेगा
इस धोखे में मत रहना।
भारत के जर्रे-जर्रे में
सबका अपना हिस्सा है,
बुला-बुलाकर कोई देगा
इस धोखे में मत रहना।
तुम्हें कहीं इंसाफ मिलेगा
भाग्य और भगवान हमारे
केवल एक छलावा है,
ईश्वर ही कल्याण करेगा
इस धोखे में मत रहना।
कहा किसी ने तेरे हाथ में
धन दौलत की रेखा है,
छप्पर फाड़ के धन बरसेगा
इस धोखे में मत रहना।
सुनो मुझे
एक ऐसा शख्स चाहिए,
जो डरता हो मुझे खोने से !!
बहुत से रिश्ते इसलिए ख़त्म हो जाते है
क्यूँकि
एक सही बोल नहीं पाता
दूसरा सही समझ नहीं पाता
फूल इसलिए अच्छे,
की खुश्बू का पैगाम देते है।
कांटे इसलिए अच्छे,
की दामन थाम लेते है।
दोस्त इसलिए अच्छे,
कि वो मुझ पर जान देते है।
और दुश्मनों को,
कैसे ख़राब कह दूँ।
वो ही तो है,
जो हर महफ़िल में मेरा नाम लेते है !
गिरा ना पाओगे
लाख चाहकर भी,
मेरी शख्सियत को,
क्योंकि…..
मेरा कारवां
मेरे शिव के नाम से चलता है।
– – – लेखक परिचय: लेखक-कंप्यूटर साइन्स – इंजिनियर , सामाजिक-चिंतक हैं । दुर्बलतम की आवाज बनना और उनके लिए आजीवन संघर्षरत रहना ही अमित सिंह शिवभक्त नंदी का परिचय है। आप Hindi (हिंदी) में कुछ जानना या पढ़ना चाहे तो जिसमे की बेहतरीन सामाजिक लेखों का संग्रह पर आपको मिलता है। जिन्हे आप Facebook, WhatsApp पर post व शेयर कर सकते हैं पढ़िए बेहतरीन सामाजिक लेखों का संग्रह ( क़लम एक कुदाल )
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