यह नदियों का मुल्क

यह नदियों का मुल्क है,
पानी भी भरपूर है ।
बोतल में बिकता है,
पन्द्रह रू शुल्क है।
यह शिक्षकों का मुल्क है,
स्कूल भी खूब हैं।
बच्चे पढने जाते नहीं,
पाठशालाएं नि:शुल्क है।
यह अजीब मुल्क है,
निर्बलों पर हर शुल्क है।
अगर आप हो बाहुबली,
हर सुविधा नि:शुल्क है।
यह अपना ही मुल्क है,
कर कुछ सकते नहीं।
कह कुछ सकते नहीं,
बोलना नि:शुल्क है।
यह नदियों का मुल्क है,
पानी भी भरपूर है ।
यह शादियों का मुल्क है,
दान दहेज भी खूब है।
शादी करने को पैसा नहीं,
कोर्ट मेरिज नि:शुल्क है।
यह पर्यटन मुल्क है,
रेलें भी खूब हैं।
बिना टिकट पकडे गये,
रोटी कपड़ा नि:शुल्क है।
यह अजीब मुल्क है,
हर जरूरत पर शुल्क है।
ढूंढ कर देते है लोग,
सलाह नि:शुल्क है।
यह आवाम का मुल्क है,
रहबर चुनने का हक है।
वोट देने जाते नहीं,
मतदान नि:शुल्क है
– – – लेखक परिचय: लेखक-कंप्यूटर साइन्स – इंजिनियर , सामाजिक-चिंतक हैं । दुर्बलतम की आवाज बनना और उनके लिए आजीवन संघर्षरत रहना ही अमित सिंह शिवभक्त नंदी का परिचय है। आप Hindi (हिंदी) में कुछ जानना या पढ़ना चाहे तो जिसमे की बेहतरीन सामाजिक लेखों का संग्रह पर आपको मिलता है। जिन्हे आप Facebook, WhatsApp पर post व शेयर कर सकते हैं पढ़िए बेहतरीन सामाजिक लेखों का संग्रह ( क़लम एक कुदाल )
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